कंजक
कंजक
कंजक का रूप है देवी
कंजक का अपमान ना करना
कभी उसको ना ना करना
नौ देवी है कंजक
प्यारी सी सुंदर सी है वह कंजक
कंजक दे दो उस कंजक को
जो खड़ी रहा देख रही है
हलवा पूरी चने बनाकर
डाल दो उसकी थाली पर
कंजका का करो अपने घर पर
सुख शांति रखो घर पर
चरण छू लो उस कंजक के
जो आई है तुम्हारे घर पर
इंकार ना करो उस कंजक को
नवरात्रि है दिन माता के
अष्टमी और नवमी को पूजो कंजक को
आई मां शेरावाली मां नैना देवी मां वैष्णो देवी
मां दुर्गे माता मां काली माता मां शीतला माता
मां चिंतपूर्णी मां ज्वाला जी
मां लक्ष्मी जी नौ देवियां आई है
चलो दरवाजा खोल लो
नौ देवियां आई है
बैठा लो मैया रानी को
लगा तो तिलक
बांध तो मौली
आरती उतार लो देवी मां की
और साथ गाते चलो
जय माता दी जय माता दी
साथ में लगाते रहो
जयकारा मां शेरावाली का
बोल सांचे दरबार की जय
एक बात और याद रखना
चरण धो लेना कंजक के
श्रद्धा से करना कंजका
नवरात्रों में खाली ना जाएगी
किसी की भी झोली
भरेगी वह मैया सबकी झोली