Prasad Kenjale
Romance Tragedy
मै कविता लिखता गया दिल से,
तू सूनती गयी सिर्फ कानों से,
काश तुमने भी सुना होता दिल से,
ये दिल कभी हारता नहीं कमबख्त इश्क से।
कंभक्त ईश्क
मेरे पदचाप को धोती दस्तक दी है आज सुबह के पहले सपने में पहचाने कदमों ने मेरे पदचाप को धोती दस्तक दी है आज सुबह के पहले सपने में पहचाने कदमों ने
मैं टूट के बिखर जाती हूँ जब भी बसंत आता है। मैं टूट के बिखर जाती हूँ जब भी बसंत आता है।
दरिया हैं प्यासे की पर वह गंगा तो नहीं। दरिया हैं प्यासे की पर वह गंगा तो नहीं।
उन पराजित दो हृदय की जीत का फिर क्या हुआ। उन पराजित दो हृदय की जीत का फिर क्या हुआ।
अर्थ को क्यों प्रेम समझा, प्रेम से क्यों हार बैठे। अर्थ को क्यों प्रेम समझा, प्रेम से क्यों हार बैठे।
और बंधन तोड़ सारे, हम भंवर के पार आये। और बंधन तोड़ सारे, हम भंवर के पार आये।
क्या हम कुछ बात कर भी पाएँगे ? या एक-दूसरे को देखते ही रहेंगे ? क्या हम कुछ बात कर भी पाएँगे ? या एक-दूसरे को देखते ही रहेंगे ?
बैठा खुद को सहारा दिए खुद जो तेरे साथ अब भी नहीं पता। बैठा खुद को सहारा दिए खुद जो तेरे साथ अब भी नहीं पता।
वो रोज रोज़ गुलाब भेजता था मुझे, कहता था इश्क है कबूल कर लो मुझे। फूल देखो मेरे और फ़िर तुम बोलो... वो रोज रोज़ गुलाब भेजता था मुझे, कहता था इश्क है कबूल कर लो मुझे। फूल देखो म...
हम तेरे दिमाग से पढ़ते हैं अपनी कहानी पढ़ते हैं। हम तेरे दिमाग से पढ़ते हैं अपनी कहानी पढ़ते हैं।
एक वक़्त जिंदगी में आएगा जरूर, ज़ब वो पछतायेगी मुझसे ब्रेकअप करके ! एक वक़्त जिंदगी में आएगा जरूर, ज़ब वो पछतायेगी मुझसे ब्रेकअप करके !
पिचकारी के रंग में तू प्यार भी अपना भर दे। पिचकारी के रंग में तू प्यार भी अपना भर दे।
लिख रहा हूँ तुम्हें की अब सुन लो मेरी पुकार प्यार का मौसम यूं ही बीत जाएगा। लिख रहा हूँ तुम्हें की अब सुन लो मेरी पुकार प्यार का मौसम यूं ही बीत जाएग...
लम्हे ये सारे, बनते बंजारे, बीतते कह रहे हैं कोई आएगा। लम्हे ये सारे, बनते बंजारे, बीतते कह रहे हैं कोई आएगा।
कब आओगे मन के द्वारे हम नीदें तुम सपन हमारे। कब आओगे मन के द्वारे हम नीदें तुम सपन हमारे।
कुछ तुम या चुप रहो बोलो आंखों से मैं समझ लूँगा। कुछ तुम या चुप रहो बोलो आंखों से मैं समझ लूँगा।
ना तड़पाओ मान भी जाओ, अब तो बसंत भी आ गया ! ना तड़पाओ मान भी जाओ, अब तो बसंत भी आ गया !
बस एक घड़ी मुझको, बाहों में ले ले तू, मैं तनहा अकेला, टूटता जा रहा हूँ.... सुलझन ना दिख र... बस एक घड़ी मुझको, बाहों में ले ले तू, मैं तनहा अकेला, टूटता जा रहा हूँ......
जिससे किया था प्यार उसी ने तोड़ दिया मेरा दिल, कैसे करूं विश्वास किसी पर है बड़ी मु जिससे किया था प्यार उसी ने तोड़ दिया मेरा दिल, कैसे करूं विश्वास किसी ...
हम साथी जीवन भर के जैसे चंदा और चकोर। हम साथी जीवन भर के जैसे चंदा और चकोर।