कमजोरी या ताकत
कमजोरी या ताकत
एक औरत सब सहती है,
मगर फिर भी चुप ही रहती है !
वो इसलिए नहीं सहती
क्योंकि वह कमजोर है !
वो सहती है क्योंकि
वो तुमसे बेहद प्यार करती है !!
एक औरत तुम्हारी
हर गलती माफ करती है !
वो इसलिए माफ नहीं करती
क्योंकि उसे नाराजगी का हक नहीं !
वो माफ करती है क्योंकि
वो तुम्हे प्यार से सही राह दिखाना चाहती है !!
एक औरत तुम्हारी
हर बदतमीजी बर्दास्त करती है !
वो इसलिए बर्दास्त नहीं करती
क्योंकि उसे इसकी आदत है !
वो बर्दास्त करती है क्योंकि
वो तुमसे अपना सम्मान करवाना भी जानती है !!
एक औरत तुम्हारी
हर फटकार को सुनती है !
वो इसलिए सब नहीं सुनती
क्योंकि उसे यही सिखाया जाता है !
वो सब सुनती है क्योंकि
वो तुम्हे सही समय पर जवाब देना जानती है !!
एक औरत तुम्हारा
किया हर अपमान सहती है !
वो इसलिए नहीं सहती
क्योंकि उसका कोई सम्मान नहीं !
वो सब कुछ सहती है क्योंकि
वो तुम्हारी नजरों में अपना सम्मान देखना चाहती है !!
एक औरत तुमसे
अपना हर सुख दु:ख सांझा करती है !
वो इसलिए नहीं करती
क्योंकि वह इमोशनल फूल है !
वो सब बांटती है क्योंकि
वो तुम मे सच्चा जीवनसाथी देखना चाहती है !!
एक औरत तुम्हारे लिए
अपने सपनो को त्याग देती है !
वो इसलिए नहीं त्यागती
क्योंकि उसे सपने देखने का हक नहीं !
वो सब त्यागती है क्योंकि
वो तुम्हारे सपनों को ही अपना बनाना चाहती है !!
एक औरत तुम्हारे लिए
बीमारी में भी सब काम करती है !
वो इसलिए नहीं करती
क्योंकि उसे आराम का हक नहीं !
वो सब करती है क्योंकि
वो तुम्हे परेशान होते नहीं देखना चाहती है !!
एक औरत तुम्हारी
हर बेरुखी को सह जाती है !
वो इसलिए नहीं सहती
क्योंकि वो तुमसे लड़ना नहीं जानती !
वो सब सहती है क्योंकि
वो सभी रिश्तों को संजोकर रखना चाहती है !!
औरत की कमजोरी को कमजोरी मत समझना,
समय आने पर वो ताकत बनाना भी जानती है !
तुम्हारी बदतमीजी का मुंह तोड़ जवाब दे सकती है,
मगर प्यार से वो सबको अपना बनाना जानती है !
तुम्हारे लिए जो औरत खुद को भुला सकती है,
खुद के लिए वो हर हद से गुजरना भी जानती है !!
जिंदगी की बड़ी से बड़ी मुश्किलों मे भी हमेशा,
हंसकर वो सबसे बाहर निकलना जानती है !
रोती हो बेशक वो चाहे जितना भी अकेले में,
सबके सामने खुलकर मुस्कुराना वो जानती है !
दिल लगाकर उसके जज्बातों से खेलने वालों,
तुम्हे तुम्हारी ही नज़रों में गिराना भी वो जानती है ।