किताबों से मेरा नाम मिटा दिया तुमने
किताबों से मेरा नाम मिटा दिया तुमने
“किताबों से मेरा नाम मिटा दिया तुमने, ज़हन से कैसे हटाओगी,
खुद को भले ही समझा दिया तुमने, दिल को कैसे समझोगी,
बंद किया है सभी रास्ते मुझ तक पहुँचने के तुमने, रास्ते मेरे तुम कैसे रोक पाओगी,
देख कर मुझको नज़र चुराती हो, माथे पर आई ये शिकन कैसे छिपाओगी,
ये पलकों में इतनी लर्जिश क्यों तेरे, ज़माने से अपनी चोरी छिपाओगी,
कब तक चलेगा लुकाछुपी का ये खेल तेरा, कितनी बेरुखी मुझे दिखाओगी,
ये बेवफाई की वजह कुछ तो बता मुझे, अपनी बेबसी मुझे नहीं तो किसी बताओगी,
कोई और तो मन में नहीं आ गया तेरे, मुझे निकाल क्या उसे दिल में बसाओगी,
बर्बाद कर के मेरी जिंदगानी, किसी और ज़िन्दगी क्या तुम आबाद कर पाओगी ”