STORYMIRROR

Harshita Joshi

Romance Classics

4  

Harshita Joshi

Romance Classics

किसने कहा मैं अकेली हूँ ?

किसने कहा मैं अकेली हूँ ?

2 mins
244

आज वैलेंटाइन है यानि 14 फेब्रुअरी 

मैं पार्क में बैठीं हूँ 

मेरे चारों ओर लोग़ अपने प्रेमी जोड़े के साथ है  

पर मै अकेली हूँ  

किसने कहा मैं अकेली हूँ ? 

मैं तो अभी उसके साथ बैठी हूँ  

जिसका ये संसार दीवाना है

 

जिसके दर्शन के लिए कई जन्म कम पड़ जाते है  

वो कोई सेलिब्रिटी से कम थोड़ी है !  

सबसे बाड़ा सेलिब्रिटी है मेरा कृष्ण

सही पहचाना आपने  

पीले वस्त्र और मुरली वाला कृष्ण  

हां !! जिसके सर पर मोरपंख है


उसी की बात कर रही हूँ मैं  

मैं अपनी आँखे बंद कर उसे महसूस कर रही हूँ  

वही मेरे हर सपने का आरम्भ है और वही अंत 

मै अभी ये सोच रही हूँ 

की उसके कोमल हाथो में मेरा हाथ  

मेरा सर उसके कंधे पर  

इतना सोच कर ही मैं मुस्करा रही हूँ  


तो इसके आगे क्या सोचु पता नहीं

मैं उसकी कोई बहूँत बड़ी भक्त नहीं 

मैं तो उसकी पागल दीवानी हूँ 

वो मुझे दिखता नहीं है फिर भी दिखता है  

वो कुछ नहीं करता हैं मेरे लिए  

पर असल में सबकुछ वही करता है  

पता नहीं ऐसा क्यों है वो ?


मैंने उससे कई दफा अपनी दिल की बात कही  

पर उसने कुछ नहीं बोला  

पर उसकी ख़ामोशी सब बया कर गयी 

मेरा आज आँखे खोलने का मन ही नहीं कर रहा है  

क्योंकि मुझे उसकी बांसुरी की धुन सुनाई दे रही है  

हां - हां !!! कृष्ण प्रेम की धुन  

कही आँखे खोलते ही गायब हो गई तो ?


मैं राधा तो नहीं हूँ 

फिर भी मई राधा ही हूँ 

और वो वही मनमोहना हैं

अब मैं आँखे खोलने जा रही हूँ 

इस विश्वास के साथ  

शायद वो मेरे सामने बैठा हो 

मुझे पता है वो नहीं होगा 

फिर भी हर रोज मैं ऐसे ही

आँखें बंद करके खोलती हूँ  


इस विश्वास के साथ  

जब भी मैं आंखे खोलू तो मुझे मेरा श्याम मिलेगा

और जब वो नहीं मिलता है सामने  

तो मैं उससे कल मिलने का वादा लेकर चली जाती हूँ 

 अपनी जिंदंगी की पुरानी रेलगाड़ी में  

उसके स्टेशन की तरफ

पता नहीं वो अपना कल आने का वादा निभाएगा या नहीं ?


पर मुझे पूरा विश्वास है  

एक दिन मैं उसका हाथ पकड़ उसके घर जाउंगी 

वो दिन जरूर आएगा

मेरी आँखें तो खुल गयी पर मैं अभी भी वही हूँ 

आज भी नहीं आया वो

 यहाँ जहाँ मैं यहाँ होकर भी कही और हूँ 


उसी पार्क में लोग अपने प्रीतम के साथ अभी भी बैठे है  

बस मैं ही हूँ अकेली  

अरे ! किसने कहा मैं अकेली हूँ ?

मैं भी तो हूँ साथ अपने।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance