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Dr J P Baghel

Tragedy

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Dr J P Baghel

Tragedy

किस मुर्दे का नाम बताएं

किस मुर्दे का नाम बताएं

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खुली आंख से देख रहे हम, फिर भी दिखी नहीं हत्याएं 

चारों तरफ पड़े हैं मुर्दे, किस मुर्दे का नाम बताएं।


पी पी जहर मर गई शिक्षा, दम घुटकर मर रही पढ़ाई 

ज्ञान पहुंच के ऊपर बैठा, दुर्बल कैसे करें चढ़ाई।


रोजगार को बेरहमी से बंधक बना कुचलकर मारा 

सुरा पिलाकर हमें धर्म की, लड़ मरने के लिए उतारा।


बचपन के सपने घायल हैं युवकों के मर रहे इरादे 

मजदूरों की मरी जीविका, मरते कृषक कर्ज को लादे।


राजनीति के मूल्य मर गए, दया मर गई दरबारों में 

मरा हुआ ईमान पड़ा है, आकर बिकने बाजारों में।


सरेआम अभिव्यक्ति मरी है, बोल मरे हैं डर के मारे 

बेसुध पड़ा विरोध मर गए सारे इंकलाब के नारे।


समता न्याय बंधुता ममता, सांस ले रही हैं गिन-गिन के 

मानवता सिकुड़ी सिमटी-सी, देख रही हत्यारे इनके।


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