खुशियों की सौगात लेकर आएगा
खुशियों की सौगात लेकर आएगा
थक के मत हार
सामना कर परिस्थितियों का
तभी तो मौके पर चौका लगाएगा
भूल जा उन मुसीबतों की आंधियों को
फिर से रिमझिम-रिमझिम
मेघ जल बरसाऐगा
तेरे पुण्य कर्मों
का फल अड़ंगी देकर कष्टों को
तुझे तेरी मंजिल तक पहुंचाऐगा
निराश ना हो अपने आत्मबल से
एक दिन तू जहां में छा जाएगा
नाकामयाबी की अंतिम सीढ़ी पर
छुपी कामयाबी को जरूर पाएगा
घबरा मत दुखों का कारवां भी निकल जाएगा
अमावस की रात है तो क्या?
पूनम का चांद भी नजर आएगा
चाहे हो कितनी गम हीन रातें ए दोस्त
सुबह का सूरज
"खुशियों की सौगातें लेकर आएगा"