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Madhu Vashishta

Inspirational

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Madhu Vashishta

Inspirational

खुशी

खुशी

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कौन कहता है खुशी का संबंध सामान से है।

जो भी चाहा वह सब पाया।

लेकिन फिर भी खुशी का पल ना आया।

हर पाई हुई चीज को खोने का डर था सताया।

हर चीज बन जाती है भार एक दिन।

छूट जाते हैं अपने और रिश्तेदार एक दिन।

जीवन अनवरत चलता रहता है

खुशी हो या दुखी यह सब खुद पर ही निर्भर करता है।

कोई सामान से घर सजाते हैं तो खुश हो जाते हैं।

कोई रिश्ते निभाते हैं तो खुश हो जाते हैं।

कोई सब कुछ दे कर खुश होता है तो कोई सब कुछ छोड़ कर खुश होता है।

खुशी का संबंध किसी और चीज से है ही नहीं।

जिसको जीवन में कोई मोह ही नहीं

मृत्यु भी जिसे डरा सकती नहीं।

 बस वही है इस दुनिया में एकमात्र खुशी।


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