खुशी
खुशी
मैं आती हूँ
मैं जाती हूँ
मैं सुख में हूँ
मैं दुख में हूँ
मैं कर्म सरिणी हूँ
मैं शोकनाशिनी हूँ
मैं स्वयं में ही पूर्ण हूँ
मैं स्वयं में ही उत्तीर्ण हूँ
मैं प्राणवायु में बसती हूँ
मैं समागम की ही हस्ती हूँ
मैं खुशी देकर खुश हूँ
मैं खुशी देखकर खुश हूँ
मैं स्वयं खुशी हूँ
मैं बांटने से बढती हूँ
मैं रोके नहीं रुकती हूँ
मेरा उद्देश्य परासुख है
तभी तो मैं फलती हूँ
फूलती हूँ
खुश रहती हूँ और
खुश रखती हूँ
मैं खुशी हूँ।
