खुश रहने के लिए
खुश रहने के लिए
खुश रहने के लिए, रो कर दिखाना
जरूरी तो नहीं ।
हर बात पर बेवजह, हंगामा मचाना ,
जरूरी तो नहीं ।
चलो रह ही गई होंगी कुछ कमियां
उसकी कारीगरी में ।
बस उन्ही कमियों को उधेड़ कर दिखाना
जरूरी तो नहीं ।
गर ढूँढोगे कलाकार तो कलाकार पाओगे,
जब मांगोगे प्यार, तो प्यार पाओगे ।
इतनी शिद्दत से किसी को नीचा दिखाना
जरूरी तो नहीं ।
खुश रहने के लिए, रो कर दिखाना
जरूरी तो नहीं ।
किसी वक्त मैं भी जी भर कर आंसू बहाऊंगा
यूँ हर समय झूठा मुस्कुराना
जरूरी तो नहीं ।
बड़े चेहरे देखे हैं मैंने रंग बदलने वाले
हर दफा उनकी बातों में आ
जाना
जरूरी तो नहीं ।
और मुराद है मेरी कि
खुश रखना नासमझी से जिन्दगी जीने वालों को
कि हर गुनाह की सजा यहीं पर पाना
जरूरी तो नहीं ।
न जाने कितने ख्वाब सजाकर बैठ गया था मैं भी
उनका नजरें मिला कर,
यूँ अदा से मुस्कुराना
जरूरी तो नहीं ।
छोड़ दीजिये चंद गलतियों को,
नादान समझ कर गौरव
कि हर बात को आगे बढ़ाना
जरूरी तो नहीं ।
और खुल कर जीना सीखिये जनाब
इस छोटी सी जिन्दगी में
हर बात पर, उम्र का तकाजा बताना
जरूरी तो नहीं ।
खुश रहने के लिए, रो कर दिखाना
जरूरी तो नहीं ।