एक परिदृश्य फैला है, कहर का, जिसमें जीवन जैसे रुक सा गया है ! एक परिदृश्य फैला है, कहर का, जिसमें जीवन जैसे रुक सा गया है !
खुश रहने के लिए, रो कर दिखाना जरूरी तो नहीं । खुश रहने के लिए, रो कर दिखाना जरूरी तो नहीं ।