Amit Raj Sharma
Drama
अभिलाषा है
खुले आकाश में उड़ने की।
मंजिल की सरहद छूने की
आज कोई रोके ना।
पंख फैलाकर
उड़ना है फलक पर।
खुला आकाश
अपनेपन के एहसास की और निस्वार्थ प्यार की अपनेपन के एहसास की और निस्वार्थ प्यार की
एक मुस्कान पर तेरी, मेरी दुनिया थमी सी है। एक मुस्कान पर तेरी, मेरी दुनिया थमी सी है।
नहीं कर सकते पूरे जो सपने उन्हें अधूरे ही सही पर पूरे करते है नहीं कर सकते पूरे जो सपने उन्हें अधूरे ही सही पर पूरे करते है
ढूँढ रहा है यह दिल टूटे हुए कुछ ख़्वाब कुछ ख़याल, ढूँढ रहा है यह दिल टूटे हुए कुछ ख़्वाब कुछ ख़याल,
मेरे इरादों का आसमां, वो क्यों तय कर रहे है? मेरे हौसलों का दायरा, वो क्यों जद कर रहे मेरे इरादों का आसमां, वो क्यों तय कर रहे है? मेरे हौसलों का दायरा, वो क्यों ज...
आपको जां जाना है दिलवर आपके लिए अपनी जां भी दूँगा। आपको जां जाना है दिलवर आपके लिए अपनी जां भी दूँगा।
कृपानिधान की कृपादृष्टि, तेरे साथ। कृपानिधान की कृपादृष्टि, तेरे साथ।
वासंती छटा चहुँ ओर है छाई देखो, देखो, ऋतु बसंत है आई.... वासंती छटा चहुँ ओर है छाई देखो, देखो, ऋतु बसंत है आई....
याद दिलाते खुद को तेरा प्यार नहीं था धोखा था। याद दिलाते खुद को तेरा प्यार नहीं था धोखा था।
लालन पालन और अपना सारा राज दुलार मिला हमको ऐसा उपहार लालन पालन और अपना सारा राज दुलार मिला हमको ऐसा उपहार
पर मेरा प्यार तो सच्चा है उसे मत करो नजरअंदाज। पर मेरा प्यार तो सच्चा है उसे मत करो नजरअंदाज।
हमारा ही दिल कमज़ोर हैं जो हम आज भी उनको चाहते हैं। हमारा ही दिल कमज़ोर हैं जो हम आज भी उनको चाहते हैं।
क्या तुम फिर से तोड़ने महल को, उस दुकान से पत्थर खरीद लाये हो..? क्या तुम फिर से तोड़ने महल को, उस दुकान से पत्थर खरीद लाये हो..?
अपनी निगाहों में उनके निशाँ तराशती हूँ सबकी आँखों में उनका अक्स तलाशती हूँ। अपनी निगाहों में उनके निशाँ तराशती हूँ सबकी आँखों में उनका अक्स तलाशती...
शिकायत कोइ तुझसे नहीं, अभी खुद से पूछने है हमे सवाल कई। शिकायत कोइ तुझसे नहीं, अभी खुद से पूछने है हमे सवाल कई।
प्यार के पथ पर रस्ता तू खुद ही बना मैं अधूरा अधूरी हैं मेरी कल्पना। प्यार के पथ पर रस्ता तू खुद ही बना मैं अधूरा अधूरी हैं मेरी कल्पना।
पुलिस पर हाथ उठाने वाला, घोर सजा अब पाएगा ! पुलिस पर हाथ उठाने वाला, घोर सजा अब पाएगा !
ख़ुश्क ख़्वाहिशों की क्यारी पर हुई है आज किरणों की बरसात, ख़ुश्क ख़्वाहिशों की क्यारी पर हुई है आज किरणों की बरसात,
मैं अगर फूल होता किसी के लिए श्रद्धांजलि बन जाता। मैं अगर फूल होता किसी के लिए श्रद्धांजलि बन जाता।
या दिव्य द्रष्टि का वरदान इंटरनेट ज़माने का नहीं जनाब वह ग्यान यह विज्ञान। या दिव्य द्रष्टि का वरदान इंटरनेट ज़माने का नहीं जनाब वह ग्यान यह वि...