"खुद पर यकीन"
"खुद पर यकीन"
जिनको होता है, यकीन खुद पर
वो तारों को ला देता है, ज़मीन पर
जो केवल बातों के बताशे बनाते है
वो कभी सफलता नहीं पाते है, नर
जो बातें नहीं कर्म करते है, जी भर
वो ही पाते, परिंदे के ताजातरीन पर
जो बातें, कम काम करते, दिन भर
वो ही पहुंचते है, अपनी मंजिल पर
जिनमें आलस्य नहीं होता, रत्तीभर
वो एक दिन बन जाते है, सफल नर
जिनको होता है, यकीन खुद पर
वो तारों को ला देता है, जमीन पर
बाते नहीं साखी, तू बस काम कर
बाकी सब छोड़ दे, तू बालाजी पर
गर तू बातों का बनाता रहा, शिखर
यह दुनिया जरूर मानेगी, जोकर
जिनकी कथनी-करनी में है, अंतर
वो इंसान नहीं, वो है, एक जानवर
जिनमें होता, कुछ करने का जिगर
वो दरिया से ढूंढ लाते मोती, सुंदर
समस्याओं में वो जीते डर-डरकर
जिन्हें नहीं होता है, यकीन खुद पर
वो समस्याओं को रखते नोक पर
जो उनमें खड़े होते है, गिरी बनकर
वो लम्हों में तय करें, कोसों का सफर
जो काम करते है, एकाग्रचित्त होकर
वो खिलते है, शूलों में ग़ुलाब बनकर
जो खुद को रखते है, शूल नोक पर
वो जला देते आलस्य रूपी निशाचर
जो जलाते है, मेहनत की लौ भीतर
आ साखी, कर ले, तू यकीन खुद पर
ओर पूरा कर ले, जिंदगी स्वप्न-सुंदर।