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Vijay Kumar parashar "साखी"

Comedy

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Comedy

"खटमल बोला अमीर से"

"खटमल बोला अमीर से"

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खटमल बोला

अमीर सेन मार सेठ,

मुझे तीर से

मैंने तो तेरा खून पिया है

तेरे जिस्म के लहूं नीर से

बहुत सी सदियां बीती,

लहूं पीता रहा,शरीर से

मुझे दर्द होता बोला,सेठ

उन्हें भी दर्द होता है,सेठ

खटमल बोला गंभीर से

किन्हे,किन्हें सेठ बोला

खटमल बोला,गरीब के

जिनको मार ही डाला

तूने ब्याज की जंजीर से

खास तू पैसा कमाता

मेहनत और तदबीर से

लहूं पीना छोड़ देता

इसी,वक्त नजीर से

कह रहा है,खटमल

अपने सच्चे जमीर से

न पियेगा कभी लहूं

गर सताना तू छोड़ देगा,

रे सेठ झूठी शमशीर से


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