खतरे में लोक तंत्र का चौथा स्तम्भ
खतरे में लोक तंत्र का चौथा स्तम्भ
लोकतंत्र की ख़ास खासियत
जन जन तक
जन जन का संवाद
अभिव्यक्ति की आजादी
सूचना का अधिकार।
न्याय पालिका, कार्यपालिका,
विधायिका लोकतंत्र महिमा
महत्व सार।
चौथा संवाद
संचार का माध्यम मिडिया
का संसार।
गांधी जी के तीन बन्दर आज
प्रसंगिग उल्टा दिखता मिडिया
सच नहीं देखता सच
नहीं दिखाता सच का कर देता
है त्याग।
सच बोलने की हिम्मत
गर दिखलाता बतलाता कोईं
सच सिद्धान्त पर हो जाता
बलिदान।
मिडिया के रूप अनेको प्रिंट मिडिया
इलेक्ट्रानिक मिडिया सोशल मिडिया
ना जाने कितने अवतार।
पीत पत्रकारिता टी आर पी
वायरल का कारोबार।
सच को झूठ ,झूठ को सच का
खेल बनगया तमाशा लोकतंत्र
का चौथा अलम्बरदार।
जन जन में अब अवधारणा
कौन सुनाएगा सच आज
कोई बिक जाता है कोई बिकने
का करता इंतज़ार।
ये कुछ सचाई है मगर आज भी
संजीदा संवेदनशील है लोक
तंत्र का चौथा स्तम्भ की धार।
कितनो ने जान गवाई सच्चाई का
छोड़ा नहीं कभी भी साथ
सच के साथ खड़ा मौलिक
मूल्यों का लोक तंत्र का मजबूत
चौथा स्तम्भ मिडिया संवेदनशील बाज़।
मिडिया लोकतंत्र का अति
महत्वपूर्ण लोकतंत्र का आधार।
मिडिया चाहे जो रातो रात
बाना दे किसी को महान
चाहे तो नैतिकता के गांधी
और महात्मा को भी कर दे शर्मशार।
लोक तंत्र में मिडिया अहम
कलाकार किरदार।
गर शासन प्रशासन को
रखना है संवेदन शील
जन जन का हो कल्याण
जन जन को अधिकारों का
हो ज्ञान मिडिया स्वतंत्र निष्पक्ष
निडर निर्भीक लोक तंत्र अभिमान।
