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Bhawna Kukreti Pandey

Abstract Inspirational

3  

Bhawna Kukreti Pandey

Abstract Inspirational

खत्म नहीं हुई

खत्म नहीं हुई

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बारिश की 

मानिंद 

बरस कर 

खत्म नहीं हुई।


इतना तो

पता होगा न

तुम्हे 

कि मुझमे रवानी है 

पानी की

तासीर है पानी की 

जिद है पानी की

काबिलियत है 

पानी की।


अभी 

तुमने मेरा 

बरस कर बिखरना

देखा है 

अब आगे देखोगे

बहना मेरा।


तुम देखोगे

यकीनन

पानी सी 

क्या क्या होती हूँ

पानी सी 

क्या क्या करती हूँ।


बारिश की 

मानिंद 

बरस कर 

खत्म नहीं हुई।


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