ख़त जो लिखा पर भेजा नहीं
ख़त जो लिखा पर भेजा नहीं
मैं हर सांस में तुम्हें याद करता हूं,
तुम्हारा दूर होना मुझे खाली सा कर देता है,
तुम्हारा वो प्यार से मेरी तरफ देखना,
लगता है हर पल मुझे देख रही हो,
मेरे साथ ना होकर भी,
तुम किस तरह से मुझमें हो,
ये बता पाना नामुमकिन ही है,
में ये भी नहीं जान पाता,
में कहा हूं तुम्हारे जीवन में,
मेरा होना तुम्हे खुश करता है या दुखी,
पर में बस तुम्हारे साथ मुस्कराना चाहता हूं ।
में हर सुबह जागकर फोन में तुम्हें ढूंढ़ता हूं,
कई मेसेज होते है, तुम नहीं होते लेकिन
वो तुम्हारी मीठी आवाज़,
आज भी मेरे जेहन में गूंजती है,
देर रात तक जागता हूं आज भी,
शायद तुम कभी कॉल करोगे कभी,
कभी मेसेज में कहोगे मुझे उदास जानकर,
"Shubh I know its too late, but can I call you"
आज मैंने सब कुछ पा लिया है,
जो कुछ तुम चाहते थे कभी,
तुम्हारे चले जाने की वजह,
अभी भी जानना बाकी है मगर,
कभी हो बात तो फिर पूछुंगा तुम्हें।