Dheerja Sharma
Abstract
बचपन में
मिट्टी के खिलौनों से
बहुत खेलती थी मैं।
कभी कभी गुस्से में
फेंक देती थी।
और टूट जाता था
बेचारा खिलौना!
आज ज़िन्दगी ने
खिलौना समझ रखा है।
ज़ोर ज़ोर से
उठा पटक करती है।
समझती ही नहीं
कि माटी का खिलौना है
टूट जाएगा!
वह नहीं समझेग...
ऐ अच्छी औरत
दर्जी हूँ
पत्नी और चाय
शुक्रिया सैनि...
भू स्खलन
झूठ बोलता है
अलविदा
मेरा घर
युद्ध या बुद्...
दुर्घटना संभव है अगर करोगे गति सीमा का उल्लंघन दुर्घटना संभव है अगर करोगे गति सीमा का उल्लंघन
मामा जी का जन्म भारत में शरणार्थी कैम्प में था हुआ। मामा जी का जन्म भारत में शरणार्थी कैम्प में था हुआ।
जो खोते है सच में खो देते है जो खोते है सच में खो देते है
जितना कर्तव्य करना है करो जितना कर्तव्य करना है करो
इंसान पैदा होते ही डरना सिखाता है बचपन में इम्तिहान का डर तो जवानी में बॉस का इंसान पैदा होते ही डरना सिखाता है बचपन में इम्तिहान का डर तो जवानी में बॉस का
सबको लगता है है इसमें कोई जादुई चमत्कार सबको लगता है है इसमें कोई जादुई चमत्कार
शिक्षा मतलब सिर्फ किताबी नहीं, होती है, सांसारिक शिक्षा भी है, शिक्षा मतलब सिर्फ किताबी नहीं, होती है, सांसारिक शिक्षा भी है,
लौट कर ख़्वाब से खुद को पाया "कमल" खो गए थे वहाँ हम ग़मों के लिए। लौट कर ख़्वाब से खुद को पाया "कमल" खो गए थे वहाँ हम ग़मों के लिए।
बादलों में उड़कर ....प्रेमी के गीत गाऊँ, जब और मस्ती मचले, तब चूम लूँ हवा को बादलों में उड़कर ....प्रेमी के गीत गाऊँ, जब और मस्ती मचले, तब चूम लूँ हवा को
आपके हर कर्म में विश्वनाथ का साक्षात्कार होता है, आपके हर कर्म में विश्वनाथ का साक्षात्कार होता है,
गलती मेरी ही थी मैं उसके करीब गई, अब सब कुछ भूल कर आगे बढ़ गई.!. गलती मेरी ही थी मैं उसके करीब गई, अब सब कुछ भूल कर आगे बढ़ गई.!.
भारत माँ की ओर उठने वाले, हर शीश काट गिराए। भारत माँ की ओर उठने वाले, हर शीश काट गिराए।
जिन्दगी नाम रख दिया किसने मौत का इंतजार है दुनिया जिन्दगी नाम रख दिया किसने मौत का इंतजार है दुनिया
झांक लो अपने अंदर सोचो क्या अधूरा है झांक लो अपने अंदर सोचो क्या अधूरा है
मन बंजारा चाहे आज़ादी, रंग बिरंगी सपनों की दुनिया। मन बंजारा चाहे आज़ादी, रंग बिरंगी सपनों की दुनिया।
लेकिन दोनों का कभी भी जुड़ाव नहीं होता लेकिन दोनों का कभी भी जुड़ाव नहीं होता
जब नन्ही सी बिटिया के रुप में, स्वयं लक्ष्मी मैया गोद में थीं आईं. जब नन्ही सी बिटिया के रुप में, स्वयं लक्ष्मी मैया गोद में थीं आईं.
ज़िंदगी आसान है ऐसे लगता, ज़िंदगी कठिन ये नहीं लगता। ज़िंदगी आसान है ऐसे लगता, ज़िंदगी कठिन ये नहीं लगता।
जहां कहीं प्रबल रहता अपनत्व का अहसास जहां कहीं प्रबल रहता अपनत्व का अहसास
तुम प्रेम की मिसाल का प्रतीक बन लुभाते रहे हो कितने युगलों को तुम प्रेम की मिसाल का प्रतीक बन लुभाते रहे हो कितने युगलों को