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Aliya Firdous

Inspirational

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Aliya Firdous

Inspirational

ख़ुदकुशी

ख़ुदकुशी

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माँ की वो नौ महीने की तकलीफें, वो रात रात भर जागना,

अपने आँचल में छुपा लेना, वो बेइंतहा प्यार, 

क्या माँ का प्यार काफी नहीं है ज़िन्दगी जीने के लिए, 

फिर ख़ुदकुशी क्यों? 


बाबा का हाथ थाम चलना, बाँहों में भर लेना, 

हर मुश्किलों में भी ख़ुश रखना, हर ख्वाहिशों को पूरा करना, 

क्या बाबा के लिए जीना, ज़िन्दगी नहीं है, 

फिर ख़ुदकुशी क्यों?

 

वो दोस्तों का प्यार, आँसुओं को ख़ुशी में बदल देना, 

लड़ना -झगड़ना फिर गलें लगा लेना 

क्या दोस्तों का प्यार काफी नहीं है ज़िन्दगी जीने के लिए, 

फिर ख़ुदकुशी क्यों?

 

अच्छा इन बातों को छोड़ों, क्या तुम्हें खुद से प्यार नहीं,

जिंदगी चाहे कितनी भी तकलीफदेह क्यों ना हो,

कितने इम्तिहान क्यों ना ले, सब साथ क्यों ना छोड़ दे, 

प्यार, नौकरी, पढ़ाई या तंगी कोई भी वजह हो, 

क्या तुम्हें उस खुदा पर एतबार नहीं, जिसने तुम्हें पैदा किया,

जिंदगी अदा की, नेमतों से नवाज़ा, जो कभी साथ नहीं छोड़ते,

तो तुम क्यों साथ छोड़ देते हो ज़िन्दगी का? 


वजह चाहे छोटी हो या बड़ी, जिंदगी इतनी सस्ती तो नहीं, 

फिर क्यों मौत चुन लेते हो, इस खुद में सिर्फ तुम्हारा हक़ नहीं, जो खुद ही फैसला कर लेते हो। 

माँ, बाबा, दोस्त सब शामिल है इस खुद में, फिर इनके लिए ज़िन्दगी का रास्ता क्यों नहीं चुन लेते हो!


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