ख़ुद से प्यार
ख़ुद से प्यार
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बरसों बाद ख़ुद से की है मुलाक़ात,
अपने मन से खुलकर की है बात
समंदर किनारे अकेले बैठकर,
मिट गई है जैसे बरसों की मेरी प्यास
अपनी रूह से इज़हार-ए-इश्क़ किया,
इतना प्यार किसीने नहीं है दिया
बड़ा खूबसूरत है ख़ुद से प्यार का एहसास,
एक बार करके देखो आप।