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कहानियाँ

कहानियाँ

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बंधी उम्मीदें, बंधी आशाएं,

बंधे अंग, बंधी सांसें,

बंधा वर्तमान, बंधा भविष्य

और आँखों की पहेलियाँ

मचलते मन में रंग बिरंगे

अरमानों की पोटली लिए

थिरकते पैर, झपकती पलकें,

बाँहों में बंधी डोरियाँ।

बंधे ख्वाब पर दिल में

अम्बर छूने की ख्वाहिश,

बेबस रूह की बेचारगी पर

गूंजती है तालियाँ,

उलझे धागे में पड़ी गांठ

वो समझ रही, संभल रही

पर टूटकर बिखर गईं

मीठे सपनों की बस्तियाँ ।

हर दिन यूँ हीं बनती हैं,

और

बिगड़ती हैं कहानियाँ।


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