कहाँ सुरक्षित मैं
कहाँ सुरक्षित मैं
ना माँ की कोख में
ना लोगों की सोच में
ना घर के आँगन में
ना पाठशाला के प्रांगण में
कहाँ सुरक्षित मैं?
ना अपने ससुराल में
ना किसी भी हाल में
मैं लड़की हूँ इसमें मेरा क्या कसूर
मिलूँगी उस खुदा से तो पूछुँगी मैं ये ज़रूर
कि कहाँ सुरक्षित मैं?