ख़ामोशी अच्छी लगती है
ख़ामोशी अच्छी लगती है
अविराम भागती, चीत्कारती ज़िन्दगी मेंअपनी आजादी के मोल खरीदी हुई ये
ख़ामोशी ,
परवांछित आधार पर चलती ज़िन्दगी में
आत्म श्रवण करवाती हुई ये,
ख़ामोशी
तला, भूना, नाना प्रकार के स्वाद प्रलोभन देती ज़िन्दगी में
निज आलय का बना भोजन आस्वादन करवाती हुई ये,
ख़ामोशी
वक़्त बे वक़्त मसरूफी का चोला पहनी ज़िन्दगी में
अपनों संग वक़्त गुज़र करवाती हुई ये,
ख़ामोशी
आंठो प्रहर श्वेत, नीली स्क्रीन पर नज़रे चिपकवाती ज़िन्दगी में,
ताक में धूल फांकती पुस्तकों से रूबरू करवाती हुई ये,
ख़ामोशी अच्छी लगती है।
