खालीपन और मैं
खालीपन और मैं


तुम्हारे दिए गए ख़ालीपन को
मैंने अनगिनत पन्नों पर उतार दिया।
कुछ शब्द कहानी बन गए कुछ कविता में ढल गए।
और इस तरह एक तुच्छ सी गृहिणी लेखिका बन गयी।
सच कहूँ तो जिंदगी में कोई अनुभव बेकार नहीं जाता
तुम्हीं देख लो तुम्हारे दिए गए ख़ालीपन ने
कैसे मेरी खाली जिंदगी को भर दिया।
अब मैं लिखती हूँ सिर्फ लिखती हूँ।
लिखना ही मेरे जीवन का
एक मात्र उद्देश्य बन गया।
नहीं तरसती तुम्हारे सानिध्य के लिए
ना तुम्हारे स्पर्श ना तुमसे संवाद के लिए।
देखो तुम्हारे दिए गए ख़ालीपन ने
कैसे मेरी खाली जिंदगी को भर दिया।
आभार मानती हूँ तुम्हारा
तुम्हारे दिए ख़ालीपन ने
मुझे अपने आप में पूरा कर दिया।