कदर
कदर
जहां पर कदर न हो
वहां खाना नही चाहिये
जहां पर इज्जत न हो
वहां जाना नही चाहिये
जहां पर अपनत्व न हो
वहां गाना नही चाहिये
जहां पे सच्चा रिश्ता है,
वहां अक्षु पी लेना चाहिये
जहां पे मन न हो साखी,
वहां सांस न लेनी चाहिये
कदर मन से होती है,
रुपये से नही होती है
रिश्तों में गर मन हो तो,
कोई कमी न दिखती है
जहां पे रिश्ते में दर्द न हो
वहां एकपल रुकना न चाहिये!
