हाँ, नदी ही हूं मै, बहती रहती हूं अपने दोनो किनारो के बीच, शांति से! हाँ, नदी ही हूं मै, बहती रहती हूं अपने दोनो किनारो के बीच, शांति से!
पत्तों का शिकायत दर्ज आज भी तेरे नाम,ऐ शाख! क्या जवाब दोगे? पत्तों का शिकायत दर्ज आज भी तेरे नाम,ऐ शाख! क्या जवाब दोगे?
तुम्हीं हो मेरी हर इक ग़ज़ल में तुम्हीं प आके ख़्याल ठहरा तुम्हीं हो मेरी हर इक ग़ज़ल में तुम्हीं प आके ख़्याल ठहरा
पहली बारिश हुई और दिलने बगावत कर दी पुरानी वो हसीन यॉदे फिरसे ताजा कर दी. पहली बारिश हुई और दिलने बगावत कर दी पुरानी वो हसीन यॉदे फिरसे ताजा कर दी.
तुम मेरी सांसों में हो, तपती धूप के प्यास हो जहां मैं तुम्हे देखता हूं, वहां नजर आती। तुम मेरी सांसों में हो, तपती धूप के प्यास हो जहां मैं तुम्हे देखता हूं, वहां ...
जहां पर कदर न हो वहां खाना नही चाहिये जहां पर कदर न हो वहां खाना नही चाहिये