कभी कभी
कभी कभी
सोचा है हमने कभी कभी
देखा है हमने कभी कभी।
गुम हो जाता है ये
मेरा वक्त भी कभी कभी।
मंजिल की ओर जाते हुए
मिलती राह नई कभी कभी।
हर पल बिखरता हुआ
एक हो जाता हैं कभी कभी।
गमों की परछाइयों में
मिल जाती है खुशी कभी कभी।
रहबर की आस में
मिलता है दिलबर कभी कभी
फूलों संग खेलने पर
चुभते है कांटे कभी कभी।
सुबह का भुला हुआ कोई
आ जाता है इस दर पे कभी कभी।