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Vijay Kumar

Abstract

3.3  

Vijay Kumar

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कैंडिल मार्च

कैंडिल मार्च

2 mins
326


फिर हुई है कोई लड़की हैवानियत का शिकार

निकलेगा आज फिर कैंडील मार्च

देशभर में खूब शोरगुल होगा जमकर आज

इंसानियत चीख - चीख कर मचाएगी हाहाकार,

  

टी.वी अखबारों में खबरे चलेगी लगातार

सहानुभूति निकलेगी सबकी बार - बार

सड़क से संसद तक खूब मचेगा बवाल

कठोर कानून की वकालत होगी हरबार,


पीड़ित परिवार लगाएगा न्याय की गुहार

अपराधी बचने के लिए करेगा हर सीमा पार

केस की सुनवाई होगी कुछ तेज रफ्तार

तब तक अपराधी को पूरी सुरक्षा देगी सरकार,


 हुआ है आज फिर किसी लड़की का बलात्कार

निकलेगा आज फिर कैंडील मार्च,


तारीख केश सजा सुनवाई चलेगी लगातार

सजा मिलने में लगेंगे फिर कई महीने साल

ऎसी घटनाएं क्यो हो रही है बार - बार

कानून भी कठोर सजा दिलाने में आ रहा है लाचार,

  

इंसानियत, शिक्षा, संस्कार कमजोर हो रहे हैं हर बार

भुला दिया जाएगा ये घटना भी महीनो बाद

एक नई घटना पर फिर मचेगा हाहाकार

हमारी ही कमाई पर इनको कब तक पालेगी सरकार,


लोगो की सोच विचार मे गिरावट आ रहा है लगातार

अपराधी खूल्लेआम घूम रहा सुबह शाम

हुआ है किसी लड़की की अस्मिता तार - तार

निकलेगा आज फिर कैंडील मार्च,

  

अपने आस-पास की हर बात से सजग रहे

अपनी सुरक्षा के हर संभव उपाए करे

अपनी इंसानियत और मानवता जगाएं रखे

महिलाओं की इज्जत और सम्मान बरकरार रखे,


इस तरहा कि घटनाओं को रोकना ही होगा

अपराधी के मन में कानून का डर जगाना होगा

कुछ रूह कांपती हुई कठोर सजा देना होगा

कानून की हर विवशता को दूर करना ही होगा,

 

फिर हुआ है किसी लड़की पर जुर्म अपार

फिर निकलेगा आज कैंडील मार्च।


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