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Archana Saxena

Abstract

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Archana Saxena

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कैद से बन्दी छूटे

कैद से बन्दी छूटे

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खत्म हुआ लॉकडाउन निकले ऐसे

कैद से बन्दी छूटे जैसे

भीड़ की भीड़ यूँ उमड़ रही है

बाजारों में घुमड़ रही है


दूरी का ध्यान तो क्या रखेंगे

गले में बाहें डाल चलेंगे

मास्क कभी है नाक से नीचे


कभी तो बिल्कुल नहीं पहनेंगे

क्यों है इतनी लापरवाही

बात ये बिल्कुल समझ न आई

कोरोना अभी गया नहीं है


कच्चा इसे मत समझो भाई

फिर जब पैर पसारेगा ये

मुश्किल में फिर आ जाओगे


कोसोगे सरकार को फिर से

गलती खुद ही किए जाओगे।


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