काश
काश
काश हर प्यार का लम्हा ठहर जाता
आंसू तेरी मोहब्बत की गवाही देती
काश मेरे कहने पर हाथ न छोड़ा होता
मुझे कसमों से रस्मों से बांध लिया होता
काश इनकार करते करते इजहार होता
दर्द बाटते बाटते उम्र बाट लिया होता
काश इंतजार का आलम बताया होता
आँखों में झांक कर दिल भी पढ़ा होता
काश छोड़कर जाने पर छोड़ा ना होता
हाथ थामकर वक्त को हमने मोड़ा होता
काश दिल ने आंसू ना छुपाया होता
तेरे सीने से लगाकर बहा दिया होता
काश खुशियों से सौदा किया होता
तड़पने के बदले मैंने मौत को मांगा होता
काश किस्मत से हमने लड़ा होता
जुदाई की जगह मिलन पाया होता
काश दोस्ती के दायरे को तोड़ा होता
तुमने प्यार के मायना समझाया होता
काश जाने की जिद्द पर कस के गले लगाया होता
जबरदस्ती ही सही पर मुझे मुझसे मांग लिया होता।

