काल तुझसे होड़ है मेरी
काल तुझसे होड़ है मेरी
काल तुझसे होड़ है मेरी।
अपना सब कुछ लुटा चुका, दुनिया से हूँ जुदा -जुदा !
खोया जो मैंने! पाने की दुबारा जोड़ है मेरी।
काल तुझसे होड़ है मेरी।
देखता हूँ कब तक तू मेरा साथ नहीं दोगे !
मेहनत के साथ अब गठजोड़ है मेरी,
कब तक तू मुंह फुलाये बैठे रहोगे ?
विनम्रता भरे स्वर में तुझसे हुंकार भरी रोड़ है मेरी !
काल तुझसे होड़ है मेरी ।
विनती करते -करते थक गया, मैं!
अब तुझसे रणोड़ है मेरी।
काल तुझसे होड़ है मेरी ।
मेहनत का चोला पहन लिया मैंने,
कर्तव्य का भान हो गया अब !
मंजिल के लिए मेहनत और तैयारी जी - तोड़ है मेरी ।
काल तुझसे होड़ है मेरी ।