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Jalpa lalani 'Zoya'

Abstract

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Jalpa lalani 'Zoya'

Abstract

जज़्बात की ग़ज़ल

जज़्बात की ग़ज़ल

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मेरे दिल में दफ़न जज़्बात कभी उभर जाते हैं,

ये कागज़ कलम वो एहसास बयाँ कर जाते हैं।


मन के भंडार में छुपे ख़यालात,भावों में पिरोकर,

अनकहे अल्फ़ाज़ को कागज़ पर उतार जाते हैं।


रच  जाती है  पूरी किताब दास्ताँ-ए-ज़िंदगी की,

कि जज़्बात की ग़ज़ल से हर सफ़ा भर जाते हैं।



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