जय गणेश
जय गणेश
घर-घर बंधे वंदनबारे।
मां गौरा के ललना पधारें।।
प्रथम पूज्य हैं गणपति हमारे।
माता भवानी के प्राणों से प्यारे।।
शिव शंभू के तुम हो दुलारे।
मां गौरा के ललना पधारें।।
घर-घर सजी हैं झांकी तुम्हारी।
हर्षित हो रहे है नर-नारी।।
भक्तों के हो रखवारें।
मां गौरा के ललना पधारें।।
मोदक के तुम्हें भोग लगत हैं।
ब्रह्मा विष्णु ध्यान धरत है।।
बन जाओ सबके सहारे।
मां गौरा के ललना पधारें।।
मूसक की तुम,करो सबारी।
हरी-हरी दूर्वा लगे प्यारी-प्यारी।।
सबके संकट टारे।
मां गौरा के ललना पधारें।।
रिद्धि सिद्धि के तुम हो दाता।
कार्तिक भैया तुम्हारे भ्राता।।
तुम्हीं हो वुद्धि देने वारे।
मां गौरा के ललना पधारें।।