Vishal patil Verulkar
Romance
तकदीर तो है मेरी ,लेकीन तेरी कमी है
तू है दूर मुझसे ,आंख में आज नमी है,
दर्द अब सहा नहीं जाता आंखे बह रहीं
क्या तुझे मेरी आज कल वैसी ही याद आ रही है।
शब्द
जिंदगी
प़्यार
वीर सपूतों
याद
चांद
दुआ
मैं व्याख्याता ऊर्जा सरक्षंण का, तुम भौतिकी मेरे जीवन की। मैं व्याख्याता ऊर्जा सरक्षंण का, तुम भौतिकी मेरे जीवन की।
आपके पास जाने की कोशिश करते है पर पता नहीं हमेशा अपने आप को टोक देते है। आपके पास जाने की कोशिश करते है पर पता नहीं हमेशा अपने आप को टोक देते है।
रात की चादर तारे ओढ़कर मुस्कुराते रात की चादर तारे ओढ़कर मुस्कुराते
इतिहास गवाह है कि जमाना बहुत जालिम है दोस्त इतिहास गवाह है कि जमाना बहुत जालिम है दोस्त
झुका के सिर माँ के पैरों में, मैं सारे तीर्थ घूम लिया.. झुका के सिर माँ के पैरों में, मैं सारे तीर्थ घूम लिया..
दवांच्या साक्षिच्या त्या शपथा, अन् मोरपिशी स्पर्शाने मोहरलेला, गूलाबाचा गर्द लाल घट, टोचावा एक का... दवांच्या साक्षिच्या त्या शपथा, अन् मोरपिशी स्पर्शाने मोहरलेला, गूलाबाचा गर्द ल...
हाँ - हाँ ये ज़माना सुन ले ,वो मेरा और मैं ....उसकी जाँ हूँ! हाँ - हाँ ये ज़माना सुन ले ,वो मेरा और मैं ....उसकी जाँ हूँ!
छत पर बैठा कबूतर पूछता है सबब तेरे खत ना आने का.. छत पर बैठा कबूतर पूछता है सबब तेरे खत ना आने का..
बहुत कुछ सहना पड़ता है, तब तेरे दिल मे रहना पड़ता है! बहुत कुछ सहना पड़ता है, तब तेरे दिल मे रहना पड़ता है!
फकत जला कर राख कर दिया सारी खुशियों को मेरी, फकत जला कर राख कर दिया सारी खुशियों को मेरी,
मेरी अदाओं का ऐसा फसाना हो गया, कि वो मेरे जुल्फों का दीवाना हो गया। मेरी अदाओं का ऐसा फसाना हो गया, कि वो मेरे जुल्फों का दीवाना हो गया।
तुम्हारे सानिध्य की ललक हमेशा रहती है! तुम्हारे सानिध्य की ललक हमेशा रहती है!
बस हँसते हुए लबों से आंखों कि नमी को ही तो छुपाना है.. बस हँसते हुए लबों से आंखों कि नमी को ही तो छुपाना है..
दरिया के उस पार से सजन जल्दी से आजा घर दरिया के उस पार से सजन जल्दी से आजा घर
आसमां देखते रहे जैसे तुम्हारी तस्वीर बनी हो, लहरों में हम बहते रहे, जैसे तुम मुझे। आसमां देखते रहे जैसे तुम्हारी तस्वीर बनी हो, लहरों में हम बहते रहे, ज...
नंगे पैर भी यहां चल सको तो साथ चलना। नंगे पैर भी यहां चल सको तो साथ चलना।
मेरी खुशी आपकी निगाहें मेरी जन्नत आपकी बाहें, मेरी खुशी आपकी निगाहें मेरी जन्नत आपकी बाहें,
ऐ मुतरिब! इन बेजान लफ़्ज़ों में जान ला, आ ये महफ़िल सजी है कोई गीत तो गा! ऐ मुतरिब! इन बेजान लफ़्ज़ों में जान ला, आ ये महफ़िल सजी है कोई गीत तो गा!
रहेगा इन नज़रों को तेरा इन्तज़ार ज़िन्दगी भर। रहेगा इन नज़रों को तेरा इन्तज़ार ज़िन्दगी भर।
रोक दो न मेरे उदासी को खुशी मेरी बन जाओ न! रोक दो न मेरे उदासी को खुशी मेरी बन जाओ न!