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SIDHARTHA MISHRA

Tragedy Inspirational

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SIDHARTHA MISHRA

Tragedy Inspirational

जुआ

जुआ

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जुआ है माया का एक बहुत ही सक्तिशाली हथियार|

जुए से सावधान हमेशा दूर रहना चाहिए ।

 पुष्कर ने पासे के खेल में नाल को चुनौती दी

 और सब कुछ हार गए ।


 युधिष्ठिर ने भी जुआ खेला और

 अपनी पत्नी को खो दिया था । 

जुआ माया का हथियार है।

 जुआरी हमेशा सोचता है कि

 वह अगले प्रयास में जीत जाएगा,

 लेकिन हारता चला जाता है!


 जुआ खेलने से मनुष्य का चरित्र

 पूरी तरह से खराब हो जाता है,

जिससे वह अधार्मिक और अधर्मी हो जाता है।


 जुआ उसे उत्साहित करता है और

अपने जुआरी अपने निर्णय और मर्यादा

 की भावना को खो देता है।


जुआ मनुष्य को नास्तिक बनाता है। 

यह उसे बुरे दिमाग वाले व्यक्तियों

और समाज की गंदगी के संपर्क में लाता है।

मद्यपान, व्यभिचार और मांसाहार जुए के साथी हैं।


एक जुआरी अपने पैसे के साथ साथ,

अपना सुख, चैन, स्तिरता ओर भी

बहुत कुछ खो देता है।

बहुत से घर इस जुए के कारण से,

उजड़ गए है।

इसलिए जुड़ से हमेशा,

साबधान ओर दूर रहिये।


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