जो सुनते अगर तो कहता..
जो सुनते अगर तो कहता..
तुम सुनते अगर तो कहता,
क्या हो तुम मेरे लिए,
की ये एक ख़्वाहिश है मेरी की ये जिंदगी
जो गुजरेगी तुम्हारी यादों में,
काश तुम्हारे साथ गुजरती,
ये जिंदगी गुजरेगी, ठीक ही गुजरेगी..
मगर जो तुम साथ होते..तो क्या बात होती..
सुबह की वो हल्की धूप,
शाम की वो सुस्त छाँव ..
रात की तारों से जड़ी काली चादर..
तुम साथ होते अगर सब और बेहतर लगता..
खैर जिंदगी बीतेगी,
रास्ते होंगे, मंज़िलें होंगी,
और जिंदगी बिताने का हर सामान होगा,
पर काश तुम भी होते,
तो क्या बात होती ।।