'मोहब्बत नहीं होती'
'मोहब्बत नहीं होती'
चाहे कुछ कर लूं ,अब मुझे मोहब्बत नहीं होती,
किसी दिल की इस दिल को अब चाहत नहीं होती,
यू भी नहीं कि किसी के होने की,
इस दिल को अब आहट नहीं होती
बस कभी तो उसकी दस्तक नहीं होती,
कभी कौन हैं, ये देखने की हमारी हसरत नहीं होती,
ऐसा भी नहीं किसी का साथ हमें नागवारा है
यूं है कि अकेलेपन से अब हमे फुर्सत नहीं होती
कोई साथ मिल भी गया तो कुछ हासिल ना हुआ,
कभी मंज़िल नहीं होती, कभी राहें नहीं होतीं
नसीब कब कहां किसी के हिसाब का होता है
कहीं सवेरा नहीं होता, कही रातें नहीं होतीं,
जिंदगी मे कुछ हासिल हो, इस कोशिश में
कुछ और सोचने की फुर्सत नहीं होती,
शायद यही वजह है कि अब हमें मोहब्बत नहीं होती!