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Amit Tiwari

Romance

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Amit Tiwari

Romance

काश ! जिंदगी यूँ होती

काश ! जिंदगी यूँ होती

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वो जिंदगी भी क्या गज़ब जिंदगी होती ,

जो आपके साथ गुजरती,

वो सुबह की चाए लिए ,

कभी तुम उठाती मुझे ,कभी मैं तुम्हें,

रोज़ सुबह की वो खुशी ,

कि तुम मेरे साथ हो,

देखता रहता तुम्हारा नींद से भरा अलसाया सा हसीन चेहरा,

उफ्फ,काश! ये सच होता।


जब कभी तुम तैयार होती,घंटो लगाती,

मै इंतज़ार में तुम्हारे वहीं सोफे पर ही एक नींद ले लेता,

तुम्हारे इंतज़ार की आदत है मेरी, 

तो इस बात की शिकायत ना करता,

बस मुस्कुरा देता आंखो में देखकर तुम्हारी मैं,

बस कुछ इस तरह तुम्हारी तारीफ करता।


जब कभी देर होती मुझे आने में,तुम मेरी घंटो राह तकती,

फ़िक्र करती ,फोन करती,दरवाज़े को देखकर मेरी दस्तक की उम्मीद करती,

जब मैं आता तपाक से दरवाजे की तरफ बढ़ती, फिर गुस्से में खाना परोसती,

फिर भौं चढ़ाकर नाराज़ होने का इशारा करती,

और मैं जब कहता -"इंतज़ार तो आपका भी कई बार किया है, कई बरसों किया है"

ये सुनकर मुस्कुराती,बस मेरी आंखो में देखे जाती।


जिंदगी की शाम जब आती,जब तुम बूढ़ी हो जाती,

फिर भी मैं तुम्हारी तारीफ करता,

तुम्हारे खूबसूरत होने की दलीलें पेश करता,

मैं तुमसे घंटो बाते करता,

तुम्हारी हर फरमाइश को पूरा करता ,

रोज़ एक नया शेर लिखता,

तुम क्यों खास हो,तुम क्या हो मेरे लिए ,

शायद तब तुम्हें मालूम पड़ता।


मालूम पड़ता जो हो ना सका अगर वो होता यूं ,

तो कितना हसीन होता,

ये एक छोटी सी ख्वाहिश काश! मेरे दिल में यूं ना मरती,

हां,ये जिंदगी भी क्या गज़ब जिंदगी होती,

वो जो तुम्हारे साथ गुजरती।।


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