जन्म और मृत्यु
जन्म और मृत्यु
मृत्यु का कारण जन्म
और जन्म का कारण मृत्यु
बस यही सुनते आये हैं
तो जो बीच में
हम जिंदगी जीते है
वो कौन- सी मौत से
कम पाते है
हर रोज मरते है
फिर मौत से क्यों डरते है
जबकि हम हर रोज मरते है।
जिंदगी के फलसफे भी
समझ नहीं अाते है
हर दिन की परेशानीयों में
हम किसी का क्या बिगाड़ते है
हम तो अपनी सजा काटते है
यह कौन से कर्मो के फल है
जो खत्म ही नहीं होते
होश अाने से
अब तक देखते आ रहे है
बिना कुछ किये
बिना किसी सबूत के
बस पता नहीं
कौन से कर्मो की सजा पा रहे हैं
बस डरा दिया जाता है
कभी मौत से
कभी जिंदगी से
कभी भगवान के नाम पर
कभी कर्मो के नाम पर
बस डराया जाता है
जिंदगी को जीने
लायक कहा छोड़ा जाता है
मौत का डर
तब बहुत कम लगता है
जो जिंदगी को
जीने का हौसला रखता है
वही जिंदगी को जीता है।