जल्दी सोना ,जल्दी उठना
जल्दी सोना ,जल्दी उठना
जल्दी सोना जल्दी उठना जाना जिसने राज
जीवन में उसके कभी भी छूटा नहीं कोई काज।
छूटा नहीं कोई काज हर काम समय पर होता
नहीं कभी किसी के सामने सिर झुकाना पड़ता।
सिर झुकाना पड़ता तो लगती दिल को चोट
तबहोता एहसास समय पर क्यों नहीं किया काम।
नहीं किया काम रहे देर तक सोते
रात देर तक जागे तो सुबह कैसे उठते ।
सुबह कैसे उठते अब छोड़ो यह सब विचार
रात को जल्दी सोओ,सुबह समय पर उठो यार।
समय पर उठो यार मन रहेगा प्रसन्न
सुबह की ताजी हवा-सैर खुशियाँ मिलें अनंत।
खुशियाँ मिले अनंत जोश भी होगा दूना
फिर तुम यही कहोगे जल्दी सोना ,जल्दी उठना।
