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Yashodhara Yadav 'yasho'

Inspirational Children

4.3  

Yashodhara Yadav 'yasho'

Inspirational Children

जल

जल

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सूखे ना धरणी का आंचल,

आओ संचित कर लें जल।

जल बिन कैसे जीवन होगा,

इस पर थोड़ा करें अमल।।


जल ही तन मन जल ही कंचन,

जल ही अतिथि का अभिनंदन।

जल ही है अभिषेक धरा का,

जल से अलग कहां है धड़कन।

गांव शहर तरु शिखर मनोहर,

जल के ही पर्याय सकल।।

जल बिन कैसे....।


जल को करें शीघ्र संचित,

वरना होगा जग वंचित।

सूखे शस्य धरा का आंगन,

होंगे जीव जंतु क्रंदित।

सूखेगी निर्झर बैतरणी

क्या होगा आगे का कल।

जल बिन ....।


जल ही मानस जल ही मोती,

जल ही आन मान की ज्योति।

जल उमंग है जल तरंग है,

जल ही मन उपवन का रंग है।

जल ही प्रगति जल नियति,

जल ही खिलता पुष्प कमल।।


जल बिन कैसे जीवन होगा

इस पर थोड़ा करें अमल।।



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