उन स्मृतियों को फिर से संवरने की चाह तुमसे, संवारने तुम ना आओगी क्या? उन स्मृतियों को फिर से संवरने की चाह तुमसे, संवारने तुम ना आओगी क्या?
"नीरज"को सिर्फ तुम्हारी चाहत, जो मेरे मन को है भाया।। "नीरज"को सिर्फ तुम्हारी चाहत, जो मेरे मन को है भाया।।
संचित कर एक -एक हर्फ को अल्फाजों का संसार बसायें। संचित कर एक -एक हर्फ को अल्फाजों का संसार बसायें।
मन को खोले, भविष्य के लिए संचित न करें ... अभी खबर आयी .. कहीं बादल फटा ... मन को खोले, भविष्य के लिए संचित न करें ... अभी खबर आयी .. कहीं बादल फटा ...
चित की वेदना और संवेदना विश्राम ले अब ईश से मिली इस शांति की चाह में मैं मीलों तपी योजन चली चित की वेदना और संवेदना विश्राम ले अब ईश से मिली इस शांति की चाह में मैं ...
जल को करें शीघ्र संचित, वरना होगा जग वंचित। जल को करें शीघ्र संचित, वरना होगा जग वंचित।