चित की वेदना और संवेदना विश्राम ले अब ईश से मिली इस शांति की चाह में मैं मीलों तपी योजन चली चित की वेदना और संवेदना विश्राम ले अब ईश से मिली इस शांति की चाह में मैं ...
लगता है मशीनों के साथ रहते-रहते, मानव भी मशीन हो गया है। मशीन जैसे सोना-जागना, मशीन की तरह दिन ... लगता है मशीनों के साथ रहते-रहते, मानव भी मशीन हो गया है। मशीन जैसे सोना-जागन...