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जल को करें शीघ्र संचित, वरना होगा जग वंचित। जल को करें शीघ्र संचित, वरना होगा जग वंचित।
जनसंख्या का रोग बढ़ रहा, तापमान हर रोज चढ़ रहा। जनसंख्या का रोग बढ़ रहा, तापमान हर रोज चढ़ रहा।
उसको देख याद फिर आया, मुझको मेरा बचपन। हंसता गाता मौज मनाता, लोरी सुनता बचपन। उसको देख याद फिर आया, मुझको मेरा बचपन। हंसता गाता मौज मनाता, लोरी सुनता...
न अबला हूं न बेचारी, जगत की जिंदगानी हूं। न अबला हूं न बेचारी, जगत की जिंदगानी हूं।