जल, प्रकृति और पर्यावरण-८
जल, प्रकृति और पर्यावरण-८
जल, प्रकृति, पर्यावरण को मुझे भी बचाना है
आधुनिक मशीनों ने इंसान का कार्य आसान किया है
पर नई पीढ़ी को वक्त होते हुए भी वह बन जाता है आलसी और जब तक मुफ्त मिलेगा पानी या बिल होता है माफ, पानी की खपत पर किसने ध्यान दिया है
मशीनें खरीदते वक्त बिजली पानी की बचत जाँच कर अच्छी गुणवत्ता वाली मशीन पर ध्यान देना जरूरी है
बर्तनों को जब धोयें तो उसका अन्न, जल
पेड़ो की जड़ में डालना जरूरी है
ताकि कर सके उसे प्रकृति और प्रकृति से जुड़े जीव-जन्तु पक्षी उसे ग्रहण, अन्न के फेंक पाप के भागी नहीं बनना है जितना आवश्यक हो अन्न-जल उतना ही लेना है,
फल - सब्जी के छिलकों से खाद अथवा पशुओं को खिलाना है
गऊं माता को कूड़ेदान में जाने से बचाना है।
आसपास के लिए पैदल या साइकिल का इस्तेमाल करना है, कचरे को फैक कूड़ेदान में हर गली, गाँव, शहर, मोहल्ला साफ बना पर्यावरण स्वच्छ करना है
जल, प्रकृति और पर्यावरण से जुड़ी समस्या को मिलकर सुलझाना, समझना, समझाना औरों को भाषण देने से पहले मुझे यह बदलाव खुद आगे बढ़ करके दिखाना है।
