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Nitu Mathur

Tragedy

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Nitu Mathur

Tragedy

जख्म

जख्म

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हर गहरे जख्म का मरहम भी तेज असर करता है

मेरे दिल का हर कोना तेरी दवा से ही सांसे भरता है

दौड़ता है रंगों में लहू भी इस क़दर डर डर कर मेरी

की जैसे हर मील पर ये बख्शी जान का कर्ज़ भरता है।



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