Shilpi Srivastava

Romance

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Shilpi Srivastava

Romance

जज़्बात

जज़्बात

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अपने जज़्बातों से यूँ,

इस कदर हारे हैं हम,

अपनी ही बातों पे डिगकर,

रह नहीं पाते कभी,


फैसला लेते हैं तुमको,

मुड़के ना देखेंगे अब,

पर तुम्हें देखे बिना भी,

रह नहीं पाते कभी,


तेरी वो ख़ामोश बातें,

हैं हमें चुभती हमेशा, 

तुम मेरी खुलकर कही भी, 

सुन नहीं पाते कभी।


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