जिओ मेरे लाल
जिओ मेरे लाल
प्यारी मां....
मधुर सी मुस्कान,
अधरों में सजाए
मधुर भाषा में जब कहती है
"आओ मेरे लाल "
तो मुस्कान चेहरे पर लिए
खिलखिलाते हैं
मां की गोद में बैठे
खुशहाल में लाल।
ममतामयी मां
प्रणाम करती
सूर्यदेव से कहती हैं
"हे देव! कृपा करना ,
तुमसा तेजस्वी वीर हो
मेरे प्यारे लाल।"
बाल अरुण की किरणों में
अपने लाल को
नित स्नान कराती हैं।
और कहती हैं
"सूर्य सा तेज और परोपकारी
बनना मेरे लाल।"
नित तेल मालिश और
व्यायाम कराती
सूर्यताप से शेंक लगाती
अपने दुलारे से कहती हैं
"उदयभानु को दिल से
प्रणाम करो मेरे लाल।"
प्रातः की ताजी हवा में
बाल अरुण की किरणों में
कभी सीने से लगाती तो
कभी ऊपर उछाल के कहती हैं
" साहसी और निर्भीक
बनना मेरे लाल।"
बलिष्ठ और निरोगकाया
की आशीष झराती मां
पुत्रप्रेम में पीठ थपथपाती
पवित्र हृदय से कहती हैं
"युग युग जियो मेरे लाल।"