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Almass Chachuliya

Inspirational

4  

Almass Chachuliya

Inspirational

ज़िन्दगी

ज़िन्दगी

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रफ़्ता-रफ़्ता कट रही हैं,ज़िन्दगी

न जाने कब किस मोड़ पर आ जाए ,ये ज़िन्दगी

हर मोड़ पर इक इम्तिहान हैं,ज़िन्दगी

अब जिस तरफ से चाहे गुज़र रही हैं,ज़िन्दगी


मझधार की उफनती लहरों के थपेड़ों सी हैं,ज़िन्दगी

कभी तपती धूप में सुलगती हैं,ज़िन्दगी

तो कभी पतझड़ के पत्तों की भाँति बिखर जाती हैं,ज़िन्दगी

तो कभी बारिश में महकती खुशबू की

तरह महक उठती हैं,ज़िन्दगी


सिक्के के दो पहलुओं सी हैं,ज़िन्दगी

सुख तो कभी दुख का नाम हैं,ज़िन्दगी

तोहफा है ये रब का ,उसने दी है हमें ज़िन्दगी


ज़िन्दगी की जो ये किताब हैं,

हर पन्नों पर इसका हिसाब हैं,

ज़िन्दगी खूबसूरत सा एक ख्वाब हैं,


दो पल की है ,ये ज़िन्दगी

दिल ना किसी का दुखाना

रोेए गर कोई तो हँस कर गले लगाना


क्योंकि कभी रूलाती हैं,ये ज़िन्दगी

तो हसाँती भी हैं,ये ज़िन्दगी

वक्त के हर जख्मों को भर देती हैं,ज़िन्दगी


पल - पल खुशी से जी लो ये ज़िन्दगी,

मौत का भरोसा नहीं, कब छीन ले जाए ज़िन्दगी,

क्योंकि दुबारा न मिलेगी ये ज़िन्दगी।


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