जिंदगी
जिंदगी
कितना सुंदर ये जीवन प्यारा प्यारा,
दुख में खुशियो का राज है सारा।
सुख में तो सब मुस्काते,
दुख हमे जीना सिखाते,
अद्भुत सा ये प्यारा अनुभव,
ले अंगड़ाई कर उदासियों का आलिंगन,
थक गए तो भी क्या कहना,
पुष्पो सा फिर भी महकना,
लो जम्हाई तो हो पूर्ण ब्रह्मांड को चुम्बन,
निश्छल,निर्मल प्रेम से भीगे कण कण,
क्रोध जब जब तुमको आये,
फफक फफक भी ठहाके लगाए,
अद्भुत मंत्र ये प्यारा प्यारा,
क्रोध मिटाए पल भर में सारा।
जब जब बोला सत्य ये सारा,
आलोचकों ने जकड़ा सारा,
राह हुई जैसे सब बंद,
फिर भी खुशिया कैसा गम।
सत्य रहा जब जब संग संग अपने,
अंधकार में भी निखरते सपने।
सोती रही मैं पूरी रात,
पर थी ज्ञान बरसात,
एक मसीहा था अंतस में,
बन प्रेरणा संग पग पग में।
कभी कभी जरूरी क्रोध दिखाना,
संग संग मन ही मन मुस्काना,
सुधार की ये कार्यशैली,
मन की सुंदरता,न होती मैली।
कभी कभी तन्हाइयो में जीना,
अच्छा लगता खामोशियाँ सुनना,
ओंकार संग नाद की गूंज,
कितना कितना देती सुकून।
जिंदगी ये बहुत ही प्यारी,
आशीषों से भरी पिटारी,
दुःख भी तो है प्यारा प्यारा,
सिखाता जीवन का राज सारा।
नैनो से पर्दा जरा हटाओ,
हर पल में तुम मुस्कुराओ,
आलिंगन प्यारा जीवन का पाओ,
खुशियाँ प्यारो,अंतस में लाओ।।